कासरगोड जिले में नीलेश्वरम के पास एक मंदिर उत्सव के दौरान बीती रात आतिशबाजी दुर्घटना में 150 से अधिक लोग घायल हो गए. इनमें आठ गंभीर रूप से घायल हैं. यह घटना नीलेश्वरम के थेरु अनहुत्तम्बलम मंदिर में हुई. घायलों को कासरगोड, कन्नूर और मंगलुरु के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया.
स्थानीय लोगों के अनुसार पटाखे जलाने से निकली चिंगारी पटाखों के ढेर तक पहुंच गई जिससे खतरनाक तरीके से आतिशबाजी होने लगी. देखते ही देखते लोगों की खुशियां मातम में बदल गई. घटनास्थल पर चीख पुकार मच गई. घायलों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं.
घटना के संबंध में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि पटाखे बिना अनुमति के और सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करते हुए जलाए गए थे. मंदिर के अध्यक्ष और सचिव को हिरासत में लिया गया. इनके खिलाफ गैर-जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. बीएनएस की धारा 288,125(ए),125(बी),3(5) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 3(ए),6 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
अधिकारियों ने कहा है कि आतिशबाजी को लेकर किसी भी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया. जिला कलेक्टर के. इम्बाशेखर, जिला पुलिस प्रमुख डी. शिल्पा और कन्नूर के डीआईजी राजपाल मीना ने घटनास्थल का निरीक्षण किया.
स्थानीय विधायक ई. चंद्रशेखरन ने कहा कि सतर्कता की कमी के कारण यह दुर्घटना हुई. उन्होंने कहा कि यदि सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन किया जाता तो इस दुर्घटना से बचा जा सकता था. सीपीआईएम के जिला सचिव एम.वी. बालकृष्णन ने इस दुर्घटना को लापरवाही के कारण ‘आमंत्रित आपदा’ बताया. उन्होंने कहा कि पटाखों को पेशेवरों द्वारा नहीं संभाला गया था और उन्होंने विस्तृत जांच की मांग की.
जिला पंचायत अध्यक्ष बेबी बालाकृष्णन ने दुर्घटना के लिए लापरवाही और अत्यधिक भीड़ को जिम्मेदार ठहराया तथा संकेत दिया कि मंदिर समिति सरकारी मानदंडों का पालन करने में विफल रही. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पटाखों के भंडारण के पास महिलाएं और बच्चे प्रदर्शन देख रहे थे, तभी पटाखे से निकली चिंगारी उस जगह पर गिर गई.