कोयलांचल और सिंह मेंशन झरिया में जेठानी-देवरानी आमने-सामने

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धनबाद यानी देश की कोयला राजधानी का नाम आते ही माफिया और गैंगवार , गैंग्स ही जेहन में आते हैं. जाहिर है ऐसा वहां के रक्त रंजित इतिहास और वर्चस्व के लिए होने वाले खून खराबे की वजह से ही है. धनबाद की झरिया सीट को लेकर वर्चस्व की लड़ाई है. 2014 के चुनाव में में चेचेरे भाई आमने-सामने थे तो वहीं 2019 की जंग जेठानी-देवरानी के बीच थी.
झारखंड का चुनावी कुरुक्षेत्र फिर से सज गया है और इस बार के चुनाव में भी 2019 वाली लड़ाई का ही रीकैप है. झरिया से मौजूदा विधायक पूर्णिमा सिंह कांग्रेस से मैदान में हैं जिनके सामने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उनकी ही देवरानी रागिनी सिंह को उतारा है. कोयलांचल की झरिया सीट पर एक ही परिवार की दो बहुओं की चुनावी फाइट है.
इस सीट पर धनबाद के सबसे पावरफुल सियासी खानदान सूर्यदेव सिंह के परिवार की दो बहुएं आमने-सामने हैं. नीरज सिंह की पत्नी और मौजूदा विधायक पूर्णिमा सिंह के सामने पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह की चुनौती है. इस सीट पर 2019 के चुनाव में भी जेठानी पूर्णिमा औऱ देवरानी रागिनी सिंह के बीच ही मुकाबला था. तब पूर्णिमा सिंह पांच हजार वोट से अधिक के अंतर से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने में सफल रही थीं.