किसान उत्पादक संगठन में कृषि पर उद्यमिता विकास एवं संतृप्ति अभियान को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र रामगढ़ में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। नाबार्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीडीएम दीपा प्रियंका एवं कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान डॉ. सुधांशु शेखर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।
मौके पर केंद्र के प्रधान डॉ सुर्धांशु शेखर ने कहा कि एकता में ही सफलता के राज छुपे होते हैं। यही कारण है कि सरकार की योजना किसान उत्पादक संगठन बनाकर किसानों को सशक्तीकरण प्रदान कर रही है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को खेती-बाड़ी में आपसी सहयोग के लिए एकजुट करना तथा छोटे और सीमांत किसानों को सीधे लाभ पहुंचाना है। इसके तहत किसानों खेती-बाड़ी से जुड़े कामों आर्थिक और सामाजिक सहयोग मिलता है। इस योजना से लाभ लेने वाले किसान एक साथ ज्यादा उत्पादन होने से अपने उत्पादों को बड़े बाजार में ले जा सकते हैं। साथ ही उन्हें अपने फसलों का मूल्य निर्धारण करने का भी मौका मिलता है। उन्होंने सभी एफपीओ से अपने समूह में सदस्यों की संख्या बढ़ाने तथा अपना बिजनेस प्लान तैयार करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि बिजनेस प्लान का अच्छी तरीके से पालन किया जाय तो निश्चित ही एफपीओ की आय में वृद्धि हो सकती है। इसके पूर्व मुख्य अतिथि डीडीएम दीपा प्रियंका ने किसानों को
अच्छे तरीके से पालन करने पर एफपीओ के प्रति जागरूक किया। उन्होंने समय-समय पर किसानों को एफपीओ के साथ मिलकर कृषि उत्पादों और आने वाली मौसमी कृषि व बाजार की जानकारी को लेकर बैठक करने की बात कही। केंद्र के विशेषज्ञ डॉ. इंद्रजीत ने सभी एफपीओ से अपने समूह में सदस्यों की संख्या बढ़ाने तथा अपना बिजनेस प्लान तैयार करने पर जोर दिया।
कहां कि बिजनेस प्लान का अच्छे तरीके से पालन करने पर एफपीओ की आय में वृद्धि हो सकती है।कार्यक्रम में जिला के विभिन्न किसान उत्पादक संगठन के बीडीओ, सीईओ के साथ-साथ 40 से अधिक सदस्यों और किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में केंद्र के डॉ. धर्मजीत खेरवार, सत्री कुमार, शशिकांत चौबे और रौशन कुमार ने सहयोग किया।